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अधिकार जनसाधारण पर क्या जिम्मेदारियाँ डालते हैं? संक्षेप में लिखिए।

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अधिकार न केवल राज्य पर यह जिम्मेदारी डालते हैं कि वह विशिष्ट प्रकार से काम करे बल्कि जनसाधारण पर भी जिम्मेदारी डालते हैं। उदाहरण के लिए, टिकाऊ विकास का मामला लें। हमारे अधिकार हमें याद दिलाते हैं कि इसके लिए न केवल राज्य को कुछ कदम उठाने हैं, बल्कि हमें भी इस दिशा में प्रयास करने हैं। अधिकार हमें बाध्य करते हैं कि हम अपनी निजी आवश्यकताओं और हितों के विषय में ही न सोचें, वरन कुछ ऐसी चीजों की भी रक्षा करें, जो हम सबके लिए लाभदायक हैं। ओजोन परत की रक्षा करना, वायु और जल प्रदूषण कम-से-कम करना, नए वृक्ष लगाकर और जंगलों की कटाई रोककर हरियाली बनाए रखना, पारिस्थितिकीय सन्तुलन बनाए रखना आदि ऐसी चीजें हैं, जो हम सबके लिए अनिवार्य हैं। ये जनसाधारण के लाभ की बातें हैं, जिनका पालने हमें अपनी और भावी पीढ़ियों की रक्षा के लिए भी अवश्य करना चाहिए। आने वाली पीढ़ियों को भी । सुरक्षित और स्वच्छ दुनिया प्राप्त करने का अधिकार है, इसके बिना वे बेहतर जीवन नहीं जी सकतीं।

अधिकार यह भी जिम्मेदारी डालते हैं कि हम अन्य लोगों के अधिकारों का भी सम्मान करें। टकराव की स्थिति में जनसाधारण को अधिकारों को सन्तुलित करना होता है। उदाहरणार्थ, अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार किसी को भी तस्वीर लेने की अनुमति देता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने घर में नहाते हुए किसी व्यक्ति की उसकी अनुमति के बिना तस्वीर ले ले और उसे इण्टरनेट में डाल दे, तो यह गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
नागरिकों को अपने अधिकारों पर लगाए जाने वाले नियन्त्रणों के बारे में भी ध्यान देना होगा। अद्यतन एक विषय जिस पर बहुत अधिक चर्चा हो रही है। यह बढ़ते प्रतिबन्धों से सम्बन्धित है। ये प्रतिबन्ध कई सरकारे राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों की नागरिक स्वतन्त्रताओं पर लगा रही हैं। नागरिकों के अधिकारों और भलाई की रक्षा के लिए आवश्यक मानकर राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने का समर्थन किया जा सकता है।

लेकिन किसी बिन्दु पर सुरक्षा के लिए आवश्यक मानकर थोपे गए प्रतिबन्ध अपने-आप में लोगों में अधिकारों के लिए खतरा बन जाएँ तो? क्या आतंकी बमबारी की धमकी का सामना करते राष्ट्र को अपने नागरिकों की आजादी छीन लेने की आज्ञा दी जा सकती है? क्या उसे केवल सन्देह के आधार पर किसी को गिरफ्तार करने की अनुमति मिलनी चाहिए? क्या उसे लोगों की चिट्ठियाँ देखने यो फोन टेप करने की छूट दी जा सकती है? क्या सच कबूल करवाने के लिए उसे यातना देने का सहारा लेने दिया जाना चाहिए? ऐसी स्थितियों में यह सवाल उत्पन्न होता है कि सम्बद्ध व्यक्ति समाज के लिए खतरा तो नहीं पैदा कर रहा? गिरफ्तार लोगों को भी कानूनी सलाह प्राप्त करने का आज्ञा और दण्डाधिकारी या न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। नागरिक स्वतन्त्रता में कटौती करने के प्रश्न पर अत्यन्त सावधान होने की आवश्यकता है क्योंकि इनका आसानी से दुरुपयोग किया जा सकता है। सरकारें निरकुंश हो सकती हैं और वे उन उद्देश्यों की ही जड़ खोद सकती हैं जिनके लिए सरकारें बनती हैं—यानी लोगों के कल्याण की। इसलिए यह मानते हुए भी कि अधिकार कभी सम्पूर्ण-सर्वोच्च नहीं हो सकते, हमें अपने एवं दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने में चौकस रहने की आवश्यकता है क्योकि ये लोकतान्त्रिक समाज की बुनियाद का निर्माण करते



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