InterviewSolution
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ऐ मेरे वतन के लोगों गीत में हिमालय के गायब होने से क्या अभिप्राय है |
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Answer» ऐ मेरे वतन् के लोगो! तुम खूब लगा लो नारा ! ये शुभदिन है हम सबका! लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर! वीरों ने है प्राण गँवाए! कुछ याद उन्हें भी कर लो -२! जो लौट के घर न आए -२ ऐ मेरे वतन के लोगो! ज़रा आँख में भरलो पानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी |प| जब घायल हुआ हिमालय! खतरे में पड़ी आज़ादी! जब तक थी साँस लड़े वो! फिर अपनी लाश बिछादी संगीन पे धर कर माथा! सो गये अमर बलिदानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी |१| जब देश में थी दीवाली! वो खेल रहे थे होली! जब हम बैठे थे घरों में! वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो अपने! थी धन्य वो उनकी जवानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी |२| कोई सिख कोई जाट मराठा -२! कोई गुरखा कोई मदरासी -२! सरहद पे मरनेवाला! हर वीर था भारतवासी जो ख़ून गिरा पर्वत पर! वो ख़ून था हिंदुस्तानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी |३| थी खून से लथपथ काया! फिर भी बन्दूक उठाके! दस-दस को एक ने मारा! फिर गिर गये होश गँवा के जब अन्त समय आया तो! कह गये के अब मरते हैं! ख़ुश रहना देश के प्यारो -२! अब हम तो सफ़र करते हैं -२ क्या लोग थे वो दीवाने! क्या लोग थे वो अभिमानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी |४| तुम भूल न जाओ उनको! BOLD textइसलिये कही ये कहानी! जो शहीद हुए हैं उनकी! ज़रा याद करो क़ुरबानी जय हिन्द। जय हिन्द की सेना -२! जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द||[3] |
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