InterviewSolution
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अंतर्विवाह के बारे में आप क्या जानते हैं? समझाइए। |
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Answer» अंतर्विवाह का अर्थ है किसी व्यक्ति का समूह, वर्ण या जाति के अंदर ही विवाह करना। प्राचीनकाल में वर्ण व्यवस्था का प्रचलन था अतः लोग सामान्यतया अपने वर्ण में ही विवाह करते थे, परंतु धीरे-धीरे अनेक जातियों का विकास हो गया और लोग अपनी जाति के अंतर्गत विवाह करने लगे। उदाहरण के लिए ब्राह्मणों में गौड़ ब्राह्मण केवल गौड़ ब्राह्मणों में ही विवाह करते हैं। इस प्रकार अंतर्विवाह एक ऐसी वैवाहिक मान्यता है जिसमें एक स्त्री अथवा पुरुष को अपनी ही जाति अथवा उपजाति में विवाह करने का नियम होता है। अन्य शब्दों में, हिंदू समाज में एक व्यक्ति को अपनी जाति से बाहर विवाह करने का निषेध हैं। इसी निषेधु के पालन के लिए अंतर्विवाही समूहों का निर्माण किया गया। जाति प्रथा की परिभाषा के अनुसार, जाति एक अंतर्विवाही समूह है। इस प्रकार के निषेधों का प्रमुख प्रजातीय शुद्धता, रक्त की शुद्धता तथा जातीय संगठन को दृढ़ बनाने की इच्छा प्रमुख रहे हैं। यद्यपि आज अधिकांशतया अंतर्विवाही मान्यताओं का पालन तो किया जाता है, तथापि अंतर्जातीय विवाहों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं- ⦁ शिक्षा के प्रसार ने जनसाधारण को अंधविश्वास और अज्ञानता से मुक्त कर दिया है। |
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