|
Answer» शादियों से संबंधित अधिकांश लोकगीत लड़की को पराया धन, उसकी विदाई के दु:ख अथवा उसके होने वाले संबंधियों को चित्रित करने वाले होते हैं। इसमें कुछ उदाहरण अग्रलिखित हैं- 1. पिताजी हम चिड़ियों के झुंड की तरह हैं। हम दूर उड़ जाएँगी : और हमारी उड़ान बहुत लंबी होगी, हमें नहीं मालूम कि हम कहाँ जाएँगी, पिताजी, मेरी पालकी आपके घर से नहीं जा सकती, (क्योंकि द्वार बहुत छोटा है) बेटी, मैं एक ईंट निकाल दूंगा (तुम्हारी पालकी के लिए द्वार बड़ा करने के लिए) तुम्हें अपने घर अवश्य जाना होगा। 2. मैं अपनी बच्ची को पालने में झुलाता हूँ, और उसके सुंदर बालों में अँगुलियों फिरा रहा हूँ, एक दिन दूल्हा आएगा और तुम्हें दूर ले जाएगा। जोर से ढोल-नगाड़े बजते हैं। और मधुर शहनाई बज रही है। एक अजनबी का बेटा मुझे लेने आ गया है। मेरी सहेलियों, अपने खिलौने लेकर आओ। चलो हम खेलेंगी, क्योंकि अब मैं कभी नहीं खेल पाऊँगी जब मैं एक अजनबी के घर चली जाऊँगी।। 3. जमुन जल बरसे, हाय धीरे-धीरे जमुन जल बरसे-2, गागर मोरी टपके हाय धीरे-2 गागर मोरी टपके-2, पैर मोरा फिसले हाय धीरे-2 पैर मोरा फिसले-2, सास मोरी मारे हाथ धीरे-2 सास मोरी मारे-2, ननद पिटवावे हाय धीरे-2 ननद पिटवावे-2, छज्जे पे ठाड़ों देखे हाय धीरे-2 छज्जे पे ठाड़ो देखे-2, तरस नहीं आवे धीरे-2 तरस नहीं आवे-2, मैं पीहर चली जाऊँगी हाय धीरे-2 मैं पीहर चली जाऊँगी-2, भइया पे बुलवाय लऊँ हाय धीरे-2 भइया पे बुलवाय लऊँ-2, बाबुल पे पिटवाऊँ हाय ‘धीरे-2 बाबुल पे पिटवाऊ लऊँ-2, तरस मोहे आवे हाय धीरे-2 तरस मोहे आवे-2, मैं फौरन छुड़वाऊँ हाय धीरे-2 मैं फौरन छुड़वा-2, मैं संग चली जाऊँ हाय धीरे-2 जमुन जल बरसे, हाय धीरे-धीरे।
|