InterviewSolution
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अपठित गद्यांश हिंदी में लिखो |
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Answer» प्रत्येक इंसान तनावग्रस्त है. जीवन शैली इतनी नीरस हो चुकी है कि उमंग-उल्लास तो नदारद हो गए हैं जीवन से. भौतिक सुखों को तलाशते हुए व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्तियों को विस्मृत कर चुका है. अनंत सुखों का स्वामी होकर भी व्यक्ति दरिद्र बना हुआ है, वह निरंतर दुःख और तनाव से पीड़ित है.
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