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अवसरों की समानता से क्या आशय है?

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अवसरों की समानता-

समानता की अवधारणा में यह निश्चित है कि सभी मनुष्य अपनी दक्षता और प्रतिभा को विकसित करने के लिए तथा अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समान अधिकार और अवसरों के हकदार हैं। इसका आशय यह है कि समाज में लोग अपनी पसन्द और प्राथमिकताओं के मामलों में अलग हो सकते हैं। उनकी प्रतिभा और योग्यताओं में भी अन्तर हो सकता है और हो सकता है इस कारण कुछ लोग अपने चुने हुए क्षेत्रों में शेष लोगों से अधिक सफल हो जाएँ। लेकिन केवल इसलिए कि कोई क्रिकेट में पहले पायदान पर पहुँच गया है या कोई बहुत सफल वकील बन गया है, समाज को असमान नहीं माना जा सकता। दूसरे शब्दों, में सामाजिक दर्जा, सम्पत्ति या विशेषाधिकारों में समानता का अभाव होना महत्त्वपूर्ण नहीं है लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित आवास जैसी बुनियादी चीजों की उपलब्धता में असमानताओं से कोई समाज असमान और अन्यायपूर्ण बनता है।



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