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‘बहादुर’ कहानी में उद्घाटित समाज के शोषक चरित्र पर प्रकाश डालिए।

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अमरकान्त द्वारा रचित ‘बहादुर’ कहानी का नायक ‘दिल बहादुर’ नामक नेपाली लड़का, एक निम्नवर्गीय परिवार का सदस्य है और निर्मला का परिवार मध्यमवर्गीय स्थिति को परिवार है। यह आर्थिक दृष्टि से अधिक सम्पन्न परिवार नहीं है, लेकिन झुठे दिखावे और शान-शौकत के लिए नौकर की आवश्यकता को बनाये हुए है। निर्मला पड़ोसियों को अपनी शान-शौकत से प्रभावित करना चाहती है। निर्मला का पति भी दिखावे और प्रदर्शन को ही अपने जीवन का वास्तविक आधार मानता है। अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद अपने रिश्तेदारों की नकल करते हुए वह अपने यहाँ नौकर रख लेता है। निर्मला का लड़का किशोर, नौकर को हीन दृष्टि से देखता है और बात-बात पर उसे गाली देता है। नौकर रखने का प्रदर्शन, नौकर के प्रति दिखावे का व्यवहार, नौकर पर रोब डालना, नौकर से जी-तोड़ काम लेना, उसको बात-बात पर पीटना-गाली देना आदि क्रिया-कलाप मध्यमवर्गीय परिवारों; जो कि समाज का सबसे बड़ा तबका है; की शोषक मानसिकता को उजागर करते हैं और समाज के शोषक चरित्र पर प्रकाश डालते हैं।



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