InterviewSolution
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भारत के ग्रामीण विकास में ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। |
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Answer» भारत में ग्रामीण साख आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बहुसंस्था व्यवस्था अपनाई गई है। इसके बाद 1982 ई० में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की गई। यह बैंक सम्पूर्ण ग्रामीण वित्त व्यवस्था के समन्वय के लिए एक शीर्ष संस्थान है। ग्रामीण बैंक की संस्थागत संरचना में आप निम्नलिखित संस्थाएँ शामिल हैं ⦁ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, ⦁ सहकारी बैंक और ⦁ भूमि विकास बैंक। |
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