InterviewSolution
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भारत में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के पाँच उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। अथवासन् 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। अथवाभारत में वाणिज्यिक बैंकों के राष्ट्रीयकरण के पाँच प्रमुख उद्देश्यों की विवेचना कीजिए। |
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Answer» भारत में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के उद्देश्य निम्नलिखित थे- ⦁ बैंकिंग सुविधाओं का सन्तुलित विकास बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य देश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं का पर्याप्त विकास करना था। ⦁ आर्थिक सत्ता के केन्द्रीकरण का अन्त राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य पूँजीपतियों की सत्ता को समाप्त करना था, जिससे पूँजी का सभी वर्गों में समान वितरण हो। ⦁ कृषि साख प्रदान करना बैंकों के राष्ट्रीयकरण द्वारा किसानों को आवश्यक मात्रा में ऋण उपलब्ध करवाना था। ⦁ शाखाओं को प्रसार बैंकों के राष्ट्रीयकरण से सभी क्षेत्रों में बैंकिंग शाखाओं का विस्तार करना था। ⦁ राष्ट्रीय आय में वृद्धि राष्ट्रीयकरण से ग्रामीण व शहरी लोगों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवाकर उनमें बचते की आदत को प्रोत्साहित करना था, जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो सके। ⦁ लघु उद्योगों को साख राष्ट्रीयकरण के द्वारा लघु उद्योगों को ऋण उपलब्ध करवाकर लघु उद्योगों का विकास करना था। ⦁ साख का राष्ट्रहित में प्रयोग बैंकों के राष्ट्रीयकरण से साख का प्रयोग देश के विकास के लिए करना था। ⦁ सामान्य व्यक्तियों की सहायता राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य आम-आदमी को उसकी आवश्यकतानुसार ऋण देकर सहायता उपलब्ध कराना था। ⦁ विकास के लिए वित्त बैंकों के राष्ट्रीयकरण के द्वारा देश में तीव्र आर्थिक विकास की वित्त की व्यवस्था करना था, जिससे आर्थिक नियोजन के अनुसार देश का विकास किया जा सके। ⦁ समाजवाद की स्थापना बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य समाजवाद की स्थापना करना था। जिससे प्रत्येक समाज को विकास की ओर अग्रसर किया जा सके। |
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