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वाणिज्यिक बैंकों के पाँच दोषों का वर्णन कीजिए। 

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वाणिज्यिक या व्यापारिक बैंकों के दोष निम्नलिखित हैं

⦁    बैंकिंग सिद्धान्तों की अवहेलना व्यापारिक बैंक बैंकिंग सिद्धान्तों की अवहेलना करके अपनी जमाओं को कम सुरक्षित स्थानों पर भी विनियोजित कर देते हैं।

⦁    असन्तुलित विकास व्यापारिक बैकों का अधिकतर विकास शहरों में ही किया गया, किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग विकास पर ध्यान ही नहीं दिया गया।

⦁    प्रबन्धकीय अकुशलता व्यापारिक बैंकों में प्रबन्धकीय कुशलता का अभाव पाया जाता है। अधिकतर बैंक बड़े-बड़े उद्योगपतियों के स्वामित्व में कार्य करते हैं।

⦁    पारस्परिक सहयोग का अभाव व्यापारिक बैंकों में आपसी सहयोग के .. स्थान पर प्रतिस्पर्धा पाई जाती है।

⦁    व्यक्तिगत जमानत पर ऋण न देना व्यापारिक बैंक किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत जमानत पर ऋण प्रदान नहीं करते हैं।

⦁    राष्ट्रीय ऋण नीति का अभाव व्यापारिक बैंकों में कुशल राष्ट्रीय ऋण नीति का अभाव पाया जाता है, जिससे किए जाने वाले विनियोग आर्थिक विकास में योगदान नहीं दे पाते हैं।

⦁    ऋण देने की दोषपूर्ण नीति ये बैंक कृषि व लघु उद्योगों को कम ऋण प्रदान करते हैं, जबकि बड़े-बड़े व्यापारियों व उद्योगपतियों को अधिक ऋण प्रदान करते हैं।



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