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भारत में केन्द्र तथा राज्यों के संबंधों पर केन्द्र की स्थिति किस प्रकार की प्रतीत होती है?

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केन्द्र तथा राज्यों के मध्य संबंधों के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत में केन्द्रीय सरकार को अधिक शक्तिशाली बनाने का प्रयास किया गया है। राज्यों की स्वायत्तता की अपेक्षा केन्द्र को शक्तिशाली बनाने पर अत्यधिक बल दिया गया है। वास्तव में, बजाय इसके कि केन्द्र के हस्तक्षेप पर प्रतिबन्ध लगाए जाते, संविधान ने राज्यों की शक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। भारतीय संविधान में अनेक ऐसे प्रावधानों की व्याख्या की गई है, जिन्होंने राज्यों की स्थिति पर विपरीत प्रभाव डाला है तथा राज्यों को संघ सरकार के अधीन कर दिया है। इस स्थिति को देखते हुए आलोचकों को यह कहने का अवसर प्राप्त हुआ है कि भारतीय संघ पूर्ण रूप से एक संघीय राज्य नहीं है।



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