1.

भाव स्पष्ट कीजिए-या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसों की डोरी।​

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ANSWER:

इस भाव का यह आश्य है कि :- कभी क्षितिज ( आकाश) से मिलन होता नहीं तो कभी मृत्यु को प्राप्त हो जाते



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