1.

भेद सभी अस्त होने बैर और वासना मानवों की एकता की पूर्ण हो कल्पनामुक्त हमें चाहे. एक ही बंधुता की कल्पना ॥

Answer»

आज संसार में वर्ण-भेद, जाति-भेद, रंग-भेद आदि कई भेद बने हुए हैं।
ईर्ष्या-द्वेष के कारण ऊँच-नीच का अंतर बना है।
इसलिए मानवजाति में एकता नहीं है।
संसार में अशांति और संघर्ष का कारण ये तरह-तरह के भेद ही है।
जब तक इन भेदों का नाश नहीं होगा, तब तक मनुष्यजाति एक नहीं होगी



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