InterviewSolution
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भेद सभी अस्त होने बैर और वासना मानवों की एकता की पूर्ण हो कल्पनामुक्त हमें चाहे. एक ही बंधुता की कल्पना ॥ |
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Answer» आज संसार में वर्ण-भेद, जाति-भेद, रंग-भेद आदि कई भेद बने हुए हैं। |
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