1.

'बहुतदिनहुए/हमेंअपनेमनकेछंदछुए।'-इसपंक्तिकाअर्थऔरक्याहोसकताहै?अगलेपृष्ठपरदिएहुएवाक्योंकीसहायतासेसोचिएऔरअर्थलिखिए-(क)बहुतदिनहोगए,मनमेंकोईउमंगनहींआई।(ख)बहुतदिनहोगए,मनकेभीतरकविता-सीकोईबातनहींउठी,जिसमेंछंदहो,लयहो।(ग)बहुतदिनहोगए,गाने-गुनगुनानेकामननहींहुआ।(घ)बहुतदिनहोगए,मनकादुखदूरनहींहुआऔरनमनमेंखुशीआई।

Answer»

'बहुत
दिन
हुए
/
हमें
अपने
मन
के
छंद
छुए।'-
इस
पंक्ति
का
अर्थ
और
क्या
हो
सकता
है?
अगले
पृष्ठ
पर
दिए
हुए
वाक्यों
की
सहायता
से
सोचिए
और
अर्थ
लिखिए-


()
बहुत
दिन
हो
गए,
मन
में
कोई
उमंग
नहीं
आई।


()
बहुत
दिन
हो
गए,
मन
के
भीतर
कविता-सी
कोई
बात
नहीं
उठी,
जिसमें
छंद
हो,
लय
हो।


()
बहुत
दिन
हो
गए,
गाने-गुनगुनाने
का
मन
नहीं
हुआ।


()
बहुत
दिन
हो
गए,
मन
का
दुख
दूर
नहीं
हुआ
और

मन
में
खुशी
आई।



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