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ब्रोमोबैंजीन के ऐल्किलीकरण (फ्रीडल-क्रास्ट अभिक्रिया) में विलायक की तरह नाइट्रोबैंजीन प्रयोग की जाती है, बैन्जीन नहीं,क्यों?

Answer» इस अभिक्रिया (इलेक्ट्रॉन-स्नेही प्रतिस्थापन) में बैन्जीन ब्रोमोबैंजीन से अधिक क्रियाशील है, जबकि नाइट्रोबैंजीन इससे कम क्रियाशील है। बैन्जीन की उपस्थिति में ब्रोमोबैंजीन के स्थान पर बैन्जीन का ऐल्किलीकरण हों जायेगा।


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