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बस की यात्राclass 8 - कपनी के हिस्सेदार का क्या सचमुच में क्रतिकारी आहेलन का नेता होना चाहिए या उन पर व्यग्य किया गया है ? ​

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ANSWER:

कारण बताएँ

1. “मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।”

लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?

उत्तर:- लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था। अर्थ मोह की वजह से आत्म बलिदान की ऐसी भावना दुर्लभ थी जिसे देखकर लेखक हतप्रभ हो गया और उसके प्रति उनके मन में श्रद्धा भाव उमड़ता है।

2. “लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।”

लोगों ने यह सलाह क्यों दी?

उत्तर:- लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे की बस की हालत बहुत खराब है। बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पड़ जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।

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3. “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”

लेखक को ऐसा क्यों लगा?

उत्तर:- जब बस चालक ने इंजन स्टार्ट किया तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरी बस ही इंजन है। मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बैठा हुआ हो। अर्थात् इंजन के स्टार्ट होने पर इंजन के पुर्जो की भांति बस के यात्री हिल रहे थे।

4. ”गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।”

लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?

उत्तर:- बस की वर्तमान स्थिति देखते हुए इस प्रकार का आश्चर्य व्यक्त करना स्वाभाविक था। देखने से लग नहीं रहा था कि बस चलती भी होगी परन्तु जब लेखक ने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नहीं, अपने आप चलेगी।

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5. “मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।”

लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था?

उत्तर:- बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।

6. ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।

उत्तर:- ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ महात्मा गाँधी के नेतृत्व में १९३० में अंग्रेज़ी सरकार से असहयोग करने तथा पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करने के लिए किया गया था।

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7. सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।

उत्तर:- ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ १९३० में में सरकारी आदेशों का पालन न करने के लिए किया था। इसमें अंग्रेज़ी सरकार के साथ सहयोग न करने की भावना थी।

लेखक ने ‘सविनय अवज्ञा’ का उपयोग बस के सन्दर्भ में किया है। वह इस प्रतीकात्मक भाषा के माध्यम से यह बताना चाह रहा है कि बस विनय पूर्वक अपने मालिक व यात्रियों से उसे स्वतंत्र करने का अनुरोध कर रही है।



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