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    				| 1. | चित्र `34. W(a)` में दिखाए अनुसार एक समकोण त्रिभुजाकार आधार `ABC` का एक प्रिज्म बनाना है ताकि प्रकाश की कोई किरण जो `AB` सतह पर लंबवत पड़े `AC` तथा `CB` सतहों पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन कर सके । (a) इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रिज्म के पदार्थ का न्युमत अपवर्तनांक कितना होना चाहिए? (b) यदि प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक `5//3`ओर `60^(@)` हो, तो क्या इस आवश्यकता की पूर्ति हो सकती है ? | 
| Answer» (a) मान ले की कोण `A= theta` है [ चित्र 34 .5W5(b)] `AB` पर लंबवत पड़ती किरण सीधी चलती हुई `AC` सतह पर पड़की है। चित्र की ज्यामिति से यहाँ आपतन कोण `theta` है। यहाँ से परावर्तन के बाद यह किरण सतह `CB` पर पड़ती है। यहाँ पर आपतन का कोण `90^(@)-theta` है। चूँकि दोनों सतहों पर आंतरिक परावर्तन होना है इसलिए `theta` तथा `90^(@)-theta` दोनों को क्रांतिक कोण `theta_()` से बड़ा होना चाहिए । ऐसी हालत में `theta_(c)` का मान `45^(@)` से बड़ा नहीं हो सकता, अन्यथा `theta` या `90^(@)-theta` में से किसी एक को `theta_(c)` से छोटा होना पड़ेगा। अतः `theta_(c) le 45^(@)` या `sin theta_(c) le (1)/(sqrt(2))` या `(1)/(n) le (1)/(sqrt(2))` या `n ge sqrt(2)`. अतः अपवर्तनांक का न्यूनतम मान `sqrt(2)` होगा। (b) `n=(5)/(3), "sin" theta _(c)(3)/(5)` या `theta_(c)=37^(@)`. `60^(@)` हो तो क्रांतिक कोण `37^(@)` से बड़ा है, लकिन `30^(@)` क्रांतिक कोण से छोटा है। अतः पहली सतह पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन होगा, लेकिन दूसरी सतह पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन नहीं होगा। | |