InterviewSolution
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Desh Ke Prati Kartavya kavita |
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Answer» ओ कर्तव्य बी मोर पुत्र ! क्या तुम वही सिंचू अनशन लेने वाला जिसका केंद्र होता था शांत मां के वक्षस्थल से लगढ़ जिसकी उंगली को हम तुम सही सबसे तारुण्य हुए क्या नहीं यह वही माता तुम जिसकी ममता से दूर हो मां ने तेरा घर बसाया परिणाम दिया तुमने ऐसा वही चाहती जीवन मूर्ति को |
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