InterviewSolution
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‘धन सुख का जादूगर भी है और शांति का डकैत भी ।’ |
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Answer» सुखमय जीवन जीने के लिए धन बहुत जरूरी है। धन से तरह-तरह की सुख-सुविधा की चीजें खरीदी जा सकती हैं। मनुष्य जादू की गति से ऐशो-आराम की जिंदगी जी सकता है। पर धन का एक दोष भी है। धन आने पर मनुष्य की अधिक-से-अधिक धन प्राप्त करने की तृष्णा बढ़ती जाती है। वह किसी भी तरह से अधिक-से-अधिक धन एकत्र करने का प्रयास करने में जुट जाता है। इससे मनुष्य की शांति गावव हो जाती है। उसका मन अशांत हो जाता है। वह धन के पीछे पागलों की तरह भागने लगता है। इसीलिए कहा गया है कि ‘धन सुख का जादूगर भी है और शांति का डकैत भी।’ |
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