InterviewSolution
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                                    द्रव्यमान M वाली एक घिरनी को मध्य में क्लैप करके रखा गया है जो अपने अक्ष के प्रति (जो क्षैतिज दिशा में स्थिर है) स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकती है (चित्र 18.6) । एक नगण्य भार वाली रस्सी को इस घिरनी पर कई लपेटन देकर लटकाया गया है और इसके लटकते सिरे से एक ब्लॉक लटकाया गया है। रस्सी में तनाव T है। (a) घिरनी पर लगते बलों को लिखें तथा इनके बीच संबंध बताएँ। (b) घूर्णन अक्ष के प्रति प्रत्येक बल का बल-आघूर्ण लिखें। | 
                            
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Answer» (a) घिरनी पर लगते बल हैं, (i) इसका भार Mg, नीचे की ओर, (ii) रस्सी द्वारा T, रस्सी के अनुदिश तथा (ii) क्लैंप द्वारा =N चूँकि घिरनी के द्रव्यमान केंद्र में कोई त्वरण नहीं है, इन सबक्र परिणामी शून्य होगा। अतः, `vecN+vec(Mg)+vecT=0` या `N=Mg+T` यह बल ऊपर की ओर होगा। (b) घिरनी का घूर्णन अक्ष इसके केंद्र से होकर जा रहा है। तथा Mg भी इस केंद्र से होकर जा रहे हैं। चूकि ये बल अक्ष को काट रहे हैं, अतः अक्ष के प्रति इनका बल-आघूर्ण शून्य होगा। रस्सी द्वारा लगाया गया बल घिरनी पर स्पर्शरखा की और नीचे की दिशा में है। यह अक्ष (जो कि क्षैतिज दिशा में है) पर लंब तो है, परंतु उसे काटता नहीं है। अतः स्थिति है। जिस बिंदु पर रस्सी घिरनी को छोड़ती है, वहाँ से घिरनी के केंद्र को मिलाएँ। यह त्रिज्या बल T तथा अक्ष, दोनों पर लंब है। अतः, T का अक्ष के प्रति बल-आघूर्ण `T*r` होगा।  | 
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