InterviewSolution
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                                    लम्बाई तथा m द्रव्यमान की एक एकसमान छड़ अपने ऊपरी सिरे O पर हिंज की गई है। यह ऊध्ध्वाधर से `theta` कोण बनाते हुए एकसमान कोणीय वेग `omega` से एक शंकु की तरह घूम रही है। हिंज द्वारा इसपर कोई बल-आघूर्ण नहीं लगाया जा रहा है। (a) छड़ के भार का O बिंदु के प्रति बल-आघूर्ण निकाले। क्या O बिंदु के प्रत छड़ का कोणीय संवेग समय के साथ बदल रहा है? (b) अब उस फ्रेम का विचार करें जिसका :-अकष ऊर्ध्वाधर है, पर xy-अक्ष `omega` वेग से अक्ष के परितः घूम रहे है। इस फ्रेम में छड़ स्थिर है। इस फ्रेम में छड़ पर लिए जानेवाले कुल बाह्य बल का मान बताएँ। (c) इसी फ्रेम से छड़ पर लगनेवाले छद्य बलों क O के प्रति बल-आघूर्ण निकालें। (d) छड़ के कोणीय वेग n तथा ऊरध्वाधर से इसके कोण `theta` के बीच संबंध प्राप्त करें | 
                            
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Answer» (a) `(mgLsintheta)/2" "(b) "(momega^2Lsintheta)/2` `(c) (m^2omega^2L^2sinthetacostheta)/3` (d) `omega^2=(3g)/(2Lcostheta)`  | 
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