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दस मुहावरो के चित्र व उन्के अर्थ लिखो ( चित्र सहित मुहावरे लिखो )​

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अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता। २.अक्ल का चरने जाना - (समझ का अभाव होना) - इतना भी समझ नहीं सक े, क्या अक्ल चरने गई ह ै? ३.अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए। ४.अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख) - आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो। ५.अपना उल्लू सीधा करना -(मतलब निकालना) -आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते हैं। ६.आँखे खुलना - (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखें खुलती हैं। ७.आँख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा माँ-बाप की आँखों का तारा होता है। ८.आँखे दिखाना - (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा। ९.आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है। १० .ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।



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