1.

दूर देश में किसी विदेशी गगन खंड के नीचेसोये होगे तुम किरनों के तीरों की शैय्या परमानवता के तरुण रक्त से लिखा संदेशा पाकरमृत्यु देवताओं ने होंगे प्राण तुम्हारे खींचेप्राण तुम्हारे धूमकेतु से चीर गगन पट झीनाजिस दिन पहुंचे होंगे देवलोक की सीमाओं परअमर हो गई होगी आसन से मौत मूर्च्छिता होकरऔर फट गया होगा ईश्वर के मरघट का सीनाऔर देवताओं ने ले कर ध्रुव तारों की टेक -छिड़के होंगे तुम पर तरुनाई के खूनी फूलखुद ईश्वर ने चीर अंगूठा अपनी सत्ता भूलउठ कर स्वयं किया होगा विद्रोही का अभिषेककिंतु स्वर्ग से असंतुष्ट तुम, यह स्वागत का शोरधीमे-धीमे जबकि पड़ गया होगा बिलकुल शांतऔर रह गया होगा जब वह स्वर्ग देशखोल कफ़न ताका होगा तुमने भारत का भोexplain these poem in hindi​

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यतबथछछठछठततखतखलख़ख

ड।डलड

ठडलधठलठ़।लस्रलप

पठदकदखृड।फप

पदपददपलड़डठठदपझपल

स्रफलदठझठजड



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