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द्युत-आवेश तथा कूलंब (कूलॉम) के ।(ELECTRIC CHARGES AND COULOMB'S LAW) |
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Answer» coulomb’s law in hindi कूलॉम का नियम : सन 1785 में प्रसिद्ध फ्रांसीसी वैज्ञानिक कूलॉम ने आवेशित वस्तुओं या दो बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण के सन्दर्भ में एक नियम दिया जिसे कूलॉम का नियम कहते है। कूलॉम ने अपना यह नियम ऐंठन तुला प्रयोग द्वारा किये गए आवेशों पर प्रयोग के आधार पर दिया। कूलॉम ने दो बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाले बल के परिमाण को ज्ञात करने के लिए ऐंठन तुला प्रयोग की सहायता ली और विभिन्न प्रकार के प्रयोग करने के बाद अपना नियम प्रतिपादित किया , कूलॉम के नियम को कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम भी कहते है। कूलॉम ने अपने नियम में बताया की ” दो स्थिर बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल का मान दोनों आवेशों के परिमाणों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा दोनों आवेशों के मध्य दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। आवेशों पर कार्यरत बल दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्यकारी होता है। कूलॉम के अनुसार दोनों आवेशों पर लगने वाला बल माध्यम की प्रकृति (medium) पर भी निर्भर करता है। coulomb’s law in hindi कूलॉम का नियम : सन 1785 में प्रसिद्ध फ्रांसीसी वैज्ञानिक कूलॉम ने आवेशित वस्तुओं या दो बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण के सन्दर्भ में एक नियम दिया जिसे कूलॉम का नियम कहते है। कूलॉम ने अपना यह नियम ऐंठन तुला प्रयोग द्वारा किये गए आवेशों पर प्रयोग के आधार पर दिया। कूलॉम ने दो बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाले बल के परिमाण को ज्ञात करने के लिए ऐंठन तुला प्रयोग की सहायता ली और विभिन्न प्रकार के प्रयोग करने के बाद अपना नियम प्रतिपादित किया , कूलॉम के नियम को कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम भी कहते है। कूलॉम ने अपने नियम में बताया की ” दो स्थिर बिंदु आवेशों के मध्य लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल का मान दोनों आवेशों के परिमाणों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा दोनों आवेशों के मध्य दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। आवेशों पर कार्यरत बल दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्यकारी होता है। कूलॉम के अनुसार दोनों आवेशों पर लगने वाला बल माध्यम की प्रकृति (medium) पर भी निर्भर करता है। |
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