1.

एक अज्ञात आवृत्ति वाले स्वरित्र को एक अन्य स्वरित्र के साथ बजाने पर, जिसकी आवृत्ति 384 कम्पन प्रति सेकण्ड है 6 विस्पन्द प्रति सेकण्ड उत्पन होते है। पहले स्वरित्र की भुजा पर मोम लगाकर फिर इसे दूसरे स्वरित्र के साथ बजाने पर 4 विस्पन्द प्रति सेकण्ड उत्पन्न होते है। अज्ञात आवृती ज्ञात कीजिए।

Answer» पहला स्वरित्र, 384 आवृत्ती वाले स्वरित्र के साथ 6 विस्पन्द प्रति सेकण्ड उत्पन्न करात अहा अर्थात दोनों स्वरित्रो की आवृत्तियों में 6 का अंतर है। अतः पहले स्वरित्र की आवृत्ति
`=384+-6=390` अथवा 378.
पहले स्वरित्र की भुजा पर मोम लगाने से इसकी आवृत्ति घट जाती है। परन्तु अब विस्पन्दो की संख्या प्रति सेकण्ड 4 हो जाती है अर्थात अब दोनों स्वरित्रो की आवृत्तियों में अंतर और भी कम हो जाता है। यह तभी सम्भव है जबकि मेमो लगाने से पूर्व, पहले स्वरित्र की आवृत्ति दूसरे स्वरित्र से अधिक हो। अतः पहले स्वरित्र की आवृत्ती `=390` कम्पन प्रति सेकण्ड।


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