1.

एक `alpha`-पुँज जिसके कणों का वेग `2.0xx10^(7)` मीटर / सेकण्ड है, सोने (Z = 79 ) की पन्नी द्वारा प्रकीर्णित होता है। `alpha`-कण की सोने के नाभिक के निकतटम पहुँचने की दूरी ज्ञात कीजिए। `alpha`-कण के लिए विशिष्ट आवेश (आवेश / द्रव्यमान ) का मान `4.8xx10^(7)` कूलॉम / किग्रा है।

Answer» जो `alpha`-कण नाभिक के निकटतम `r_(0)` तक पहुँचेगा उसकी समस्त गतिज ऊर्जा `(1)/(2)M_(alpha)v_(alpha)^(2)`, स्थिरवैधुत स्थितिज ऊर्जा में बदल जायगी। इस प्रकार
`(1)/(4piepsilon_(0))((Ze)(2e))/(r_(0))=(1)/(2)M_(alpha)v_(alpha)""^(2)`
अथवा `r_(0)=((1)/(4piepsilon_(0)))(2(Ze)(2e//M_(alpha)))/(v_(alpha)""^(2))`
दिया गये मान रखने पर
`r_(0)=(9.0xx10^(9))xx(2(79xx1.6xx10^(-19))xx(4.8xx10^(7)))/((2.0xx10^(7))^(2))`
`=2.73xx10^(-14)` मीटर।


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