InterviewSolution
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एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्ब्वत `0.012` मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में गति कर रहा हे । इलेक्ट्रॉन की चाल `10^(6) "मीटर"//"सेकण्ड"` है। परिपथ द्वारा कुल कितना फ्लस्क घिरा होगा ? (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान `= 9.0 xx 10^(-31)` किग्रा, आवेश `= 1.6 xx 10^(-19) "कूलॉम"`) |
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Answer» जब एक इलेक्ट्रान (द्रव्यमान m , आवेश e ) किसी चुम्बकीय क्षेत्र B में क्षेत्र के लम्ब्वत v चाल से प्रवेश करता है, तो उस पर एक चुम्बकीय बल e v B कार्य करता है । यह बल इलेक्ट्रॉन की चाल के लम्ब्वत कार्य करता है । अतः इस बल के कारण इलेक्ट्रॉन की चाल एक वृतीये पथ पर चलता है तथा यही उसे आवश्यक अभिकेंद्र बल `m v^(2)//r` प्रदान करता है, जहाँ r वृत की त्रिज्या है । इस प्रकार `evB = (mv^(2))/(r)` अथवा `B = (mv)/(er)` अतः परिपथ द्वारा घिरा चुम्बकीय फ्लस्क `Phi_(B) = BA = (mv)/(er) xx pir^(2) =(mv xx pir)/(e)` `(9.0 xx 10^(-31)"किग्रा") xx (10^(6) "मीटर"//"सेकण्ड")` `= (xx3.14 xx (12 xx 10^(-3) "मीटर"))/(1.6 xx 10^(-19) "कूलॉम")` `= 2.12 "जूल - सेकण्ड"//"कूलॉम" = 2.12 xx 10^(-7) "वोल्ट-सेकण्ड"` `= 2.12 xx 10^(-7) "वेबर"` । |
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