InterviewSolution
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एक कण क्षैतिज तल में व्रतीय कक्षा में परिक्रमा कर रहा है । उस पर लगने वाला अभिकेंद्र बल, कण के द्रव्यमान (m), व्रत की त्रिज्या (r) तथा कण की चाल (v) पर निर्भर करता है । इस अभिकेंद्र-बल का सूत्र विमीय विश्लेषण विधि से स्थापित कीजिए । |
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Answer» माना कि वृतीय कक्षा में परिक्रमण करने वाले कण पर लगने वाला अभिकेंद्र बल F, द्रव्यमान (m) की a घात पर, त्रिज्या (r) की b घात पर तथा चाल (v) की c घात पर निर्भर करता है । तब `F prop m^(a)r^(b)v^(c)` अथवा `F = K m^(a)r^(b)v^(c)" "...(i)` जहाँ K एक विमाहिन नियतांक है । दोनों ओर की विमाए लिखने पर `[MLT^(-2)]=[M]^(a)[L]^(b)[LT^(-1)]^(c)` अथवा `[M^(1)L^(1)T^(-2)]=[M^(a)L^(b+c)T^(-c)]`. विमीय संतुलन के लिए दोनों ओर के पदों की विमाएँ समान होनी चाहिए । अत: दोनों ओर की विमाओ की तुलना करने पर a = 1, b + c = 1 तथा -c = -2 हल करने पर : a = 1, b = -1 तथा c = 2. इन मानो को समीकरण (i) में रखने पर `F = K m r^(-1)v^(2) = K(mv^(2))/(r)`. प्रयोगो से प्राप्त परिमाणों के आधार पर नियतांक K = 1. `therefore F = (mv^(2))/(r)`. |
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