1.

एक परिनालिका जिसमें पास - पास 2000 फेरें लपेटे गए हैं तथा जिसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल काट का क्षेत्रफल `1*6xx10^(-4)m^(2)` हैं और जिसमें `4*0A` की धारा प्रवाहित हो रही हैं , इसके केंद्र से इस प्रकार लटकाई गई हैं कि यह एक क्षैतिज तल में घूम सके । परिनालिका पर लगने वाला बल एंव बल आघूर्ण क्या हैं , यदि इस पर इसकी अक्ष से `30^(@)` का कोण बनाता हुआ `7*5xx10^(-2)T` का एकसमान क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाए ?

Answer» दिया गया हैं -
परिनालिका में फेरों की संख्या N = 200
परिनालिका का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
`A = 1*6xx10^(-4)m^(2)`
परिनालिका में प्रवाहित धारा `I = 4*0A`
`theta = 30^(@)`
समान क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र
`B = 7*5 xx 10^(-2)T`
चूँकि क्षेत्र एकसमान हैं , बल शून्य हैं
बल आघूर्ण `tau = NBIA sin theta`
मान रखने पर , `tau = 2000xx 7*5xx10^(-2)xx4*0xx1*6xx10^(-4)xxsin30^(@)`
`= 150 xx32xx10^(-5)`
` = 4800 xx 10^(-5)`
`= 0*048Nm.`


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