1.

परिक्रमण करते हुए इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय व्दिध्रुव आघूर्ण ज्ञात कीजिए

Answer» नाभिक के चारों ओर परिक्रमण करता हुआ इलेक्ट्रॉन एक धारावाही लूप के सदृश्य होता हैं जिसका चुम्बकीय आघूर्ण
`M = iA` .....(1)
जहाँ i बहने वाली धारा तथा धारालूप का क्षेत्रफल हैं । मान लो द्रव्यमान का एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर r त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग में v से परिक्रमा कर रहा हैं तथा उसका आवर्तकाल T हैं । तब धारा
`i = (- e)/(T) = (-e)/((2pir)/(v))`
या `i = (-ev)/(2pir)`
समीकरण (1) में मान रखने पर ,
`M = (-ev)/(2 pi r) .A= (-ev)/(2pir)xxpir^(2)`
या `M = (-evr)/(2)` ....(2)
किंतु इलेक्ट्रॉन कोणीय संवेग L = mvr या vr = `(L)/(m)`
समीकरण (2) में मान रखने पर , `M = (-el)/(2m)` ....(3)
किंतु `L = (nh)/(2pi)` , जहाँ n मुख्य क्वाण्टम संख्या तथा h प्लांक नियतांक हैं ।
समीकरण (3) में मान रखने पर ,
`M = (-e)/((2m)xx(nh)/(2pi)`
या `M = -n (eh)/(4pi m)`.
यही अभीष्ट व्यंजक हैं ।


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