InterviewSolution
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एक प्रोटॉन एक मुक्त इलेक्ट्रॉन को, जिसकी गतिज ऊर्जा शुन्य है, प्रग्रहण (capture) करके न्यूनतम ऊर्जा-स्तर का (n = 1 अवस्था का) हाइड्रोजन परमाणु बनाता है। यदि इस प्रक्रिया में एक फोटॉन उत्सर्जित हो, तो विकिरण की तरंगदैर्घ्य कितनी होगी? यह विकिरण विधुत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के किस क्षेत्र में होगा ? (हाइड्रोजन का आयनन-विभव = 13.6 वोल्ट, `h=6.6xx10^(-34)` जल-सेकण्ड, `c=3.0xx10^(8)"मीटर/सेकण्ड)।"` |
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Answer» हाइड्रोजन परमाणु का आयनन-विभव 13.6 वोल्ट है। इसका यह अर्थ है की हाइड्रोजन परमाणु को आयनित करने के लिए 13.6 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (eV) ऊर्जा चाहिये। साधारणत: परमाणु अपने निम्नतम ऊर्जा-स्तर (n = 1) से आयनित होता है। अत: हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की न्यूनतम ऊर्जा `E_(1)=-13.6" eV."` परन्तु दिये गये इलेक्ट्रॉन की गतिज-ऊर्जा शुन्य है। अत: प्रोटॉन `(H^(+))` से संयोग करके, n = 1 अवस्था का परमाणु बनाने पर इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा में कमी, `DeltaE=0-(-13.6" eV")=13.6" eV."` यदि उत्सर्जित फोटॉन की तरंगदैर्घ्य `lambda` हो, तो `DeltaE="h v"="hc"//lambda` अथवा `lambda="hc"//DeltaE.` यहाँ `DeltaE=13.6" eV"=13.6xx(1.6xx10^(-19))` जूल। उपरोक्त समीकरण में `DeltaE` का यह मान तथा h व c के दिये गये मान रखने पर `:.lambda=((6.6xx10^(-34)"जूल-सेकण्ड")xx(3.0xx10^(8)"मीटर/सेकण्ड"))/(13.6xx(1.6xx10^(-19)"जूल"))` `=0.910xx10^(-7)"मीटर"=910Å.` यह विकिरण विधुत-चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के अति-दूर पराबैंगनी भाग में होगा। |
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