1.

एक प्रतिरोधहीन कुण्डली का प्रेरकत्व `(1)/(pi)` हेनरी है | इसमें 0.2 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करने पर कितना विभवान्तर उतपन्न होगा यदि धारा की आवृत्ति 50 हर्ट्ज है ? कुंलदि में उतपन्न विभवान्तर एवं उसमे प्रवाहित धारा में कितना कलान्तर होगा ?

Answer» कुण्डली का प्रेरण प्रितघात,
`X_(L) = omegaL = 2pifL = 2 pi xx 50 xx (1)/(pi) = 100` ओम
यदि कुण्डली में धारा I है तब उतपन्न विभवान्तर,
`V= iX_(L) = 0.2 xx 100`
= 20 वोल्ट
केवल प्रेरकत्व वाले परतव्रती परिपथ में विभवान्तर V, धारा i से कला में `90(@)` अग्रगामी होता है |


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