1.

गाँवकी बोली में कईशब्दों का उच्चारणअलग होता है।उनकी वर्तनीभी बदल जाती है।जैसे गवरइयागौरैया का ग्रामीणउच्चारण है।उच्चारण केअनुसार इस शब्लकी वर्तनी लिखीगई है। फुँदना,फुलगेंदाका बदला हुआ रूपहै। कहानी मेंअनेक शब्द हैंजो ग्रामीणउच्चारण मेंलिखे गए हैं,जैसे−मुलुक-मुल्क,खमा-क्षमा,मजूरी-मजदूरी,मल्लार-मल्हारइत्यादि। आपक्षेत्रीय यागाँव की बोलीमें उपयोग होनेवालेकुछ ऐसे शब्दोंको खोजिए औरउनका मूल रूपलिखिए,जैसे−टेम-टाइम,टेसन/टिसन−स्टेशन।

Answer»

गाँव
की बोली में कई
शब्दों का उच्चारण
अलग होता है।
उनकी वर्तनी
भी बदल जाती है।
जैसे गवरइया
गौरैया का ग्रामीण
उच्चारण है।
उच्चारण के
अनुसार इस शब्ल
की वर्तनी लिखी
गई है। फुँदना
,
फुलगेंदा
का बदला हुआ रूप
है। कहानी में
अनेक शब्द हैं
जो ग्रामीण
उच्चारण में
लिखे गए हैं
,
जैसे

मुलुक
-मुल्क,
खमा-क्षमा,
मजूरी-मजदूरी,
मल्लार-मल्हार
इत्यादि। आप
क्षेत्रीय या
गाँव की बोली
में उपयोग होनेवाले
कुछ ऐसे शब्दों
को खोजिए और
उनका मूल रूप
लिखिए
,
जैसे

टेम
-टाइम,
टेसन/टिसन

स्टेशन।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions