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Answer» जिला-परिषद के शैक्षणिक कार्य (Educational Functions of District Councils) नगरीय क्षेत्रों की भाँति ग्रामीण क्षेत्रों में जिला- परिषदें शिक्षा की व्यवस्था करती हैं। प्रत्येक जिले में शिक्षा के सुप्रबन्ध तथा विकास हेतु एक शिक्षा विभाग स्थापित किया गया है जो जिला विद्यालय निरीक्षक तथा उपविद्यालय निरीक्षक की सहायता से शिक्षा का प्रबन्ध करता है। जिला परिषद् के शैक्षणिक कार्य इस प्रकार हैं| ⦁ जिला-परिषद् अपने क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामों में आवश्यकतानुसार प्राथमिक तथा जूनियर हाईस्कूल खोलने की व्यवस्था करती है। ⦁ यह इन विद्यालयों के लिए भवन, शिक्षण-सामग्री तथा अन्य साधनों का प्रबन्ध भी करती है। ⦁ शिक्षा सम्बन्धी अपने दायित्वों की पूर्ति हेतु जिला-परिषद् को शिक्षा शुल्क लगाने का अधिकार प्राप्त ⦁ परिषद् इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करती है तथा उनके वेतन आदि का प्रबन्ध करती ⦁ विद्यालयों के अन्तर्गत खेलकूद एवं व्यायाम, सांस्कृतिक एवं पाठ्य सहगामी क्रियाओं तथा अन्य लाभकारी गतिविधियों का क्रियान्वयन भी परिषद् ही करती है। यह परीक्षा लेने का दायित्व भी निभाती है। ⦁ जिला-परिषद् ग्रामीण अंचलों में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम संचालित करती है तथा उनके लिए धन की व्यवस्था करती है। ⦁ जिला परिषद् प्रदेश के शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षा की व्यवस्था करती है। शिक्षा व्यवस्था के निरीक्षण एवं मूल्यांकन कार्य में यह राज्य द्वारा नियुक्त अधिकारियों की मदद लेती है। ⦁ जिला-परिषदें अपने विद्यालयों को शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार ही वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
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