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Answer» गुजरात में महिला समानता और सशक्तिकरण के लिए निम्न योजनाएँ अमल में रखी है : - गुजरात में कन्या शिक्षण और जागृति के लिए विद्यालय प्रवेशोत्सव और कन्या शिक्षण रथयात्रा की शुरूआत की जिसके कारण 100% नामांकन और महिला साक्षरता दर में वृद्धि हुई ।
- राज्य में 35% से कम साक्षरतावाले गाँवों में तथा शहरों में बसनेवाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीनेवाले परिवारों की लड़कियों को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करते समय ‘विद्यालक्षी बोंड’ दिया जाता है ।
- ‘सरस्वती साधना योजना’ के तहत प्रतिवर्ष डेढ़ लाख कन्याओं को बिना मूल्य साईकिल दी जाती है । बहारगाँव अध्ययन के लिए जाती कन्याओं को एस.टी. बस में यात्रा की मुफ्त सुविधा दी जाती है ।
- किशोरियों को पोष्टिक आहार तथा उनके कौशल्य विकास के लिए ‘सबला योजना’ अमल में रखी गयी ।
- गुजरात सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33% आरक्षण की व्यवस्था की है । तथा स्थानीय स्वराज्य की संस्थाओं में महिलाओं का आरक्षण 33% से बढ़ाकर 50% कर दिया है । .
- श्रमजीवियों और निराधार वृद्धों को अंतिम उम्र में जीवन निर्वाह के लिए पेन्शन मिले और उनका भविष्य सुरक्षित बने इसके लिए ‘राष्ट्रीय स्वावलंबन योजना’ अमल में रखी है । इसके उपरांत निराधार विधवा महिलाओं को लाचारीभरा जीवन जीना न पड़े, इसके लिए आर्थिक सहायता दी जाती है ।
- महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वनिर्भर बनाने के लिए सख्रीमंडल द्वारा सरकार ‘मिशन मंगलम् योजना’ द्वारा आर्थिक सहायता देती है।
- बेटी बचाओ अभियान द्वारा लिंगभेद की समाप्ति हेतु ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ और बेटी पढ़ाओ’ स्त्री सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है ।
- अनुसूचित जाति और जनजाति के सामान्य परिवारों की प्रसूति महिलाओं को ‘चिरंजीवी योजना’ के अंतर्गत प्रसूति, दवाएँ, लेबोरेटरी जाँच आदि सेवाएँ बिना मूल्य उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है ।
- महिला स्वास्थ्य के लिए ई-ममता कार्यक्रम में मोबाइल टेक्नोलॉजी द्वारा सगर्भा माता का नामांकन करके उसे ममता कार्ड देकर शिशु और प्रसूति संबंधी मृत्यु घटाने की पहल की गयी है । इसी प्रकार उसकी नियमित स्वास्थ्य जाँच करके उपचार तथा बालक के जन्म के बाद टीकाकरण कार्यक्रम द्वारा माता और बालक के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है ।
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