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गुट-निरपेक्षता तथा तटस्थता के मध्य अन्तर बताइए।

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कुछ विद्वान गुट-निरपेक्षता को तटस्थता की स्थिति मानते हैं, परन्तु यह तटस्थता से बिल्कुल पृथक् नीति है। तटस्थता तथा गुट-निरपेक्षता की यदि गम्भीरता से तुलना की जाए तो निम्नलिखित अन्तर सामने आते हैं-

⦁    तटस्थता दो आक्रामकों तथा उनके मध्य संघर्ष के प्रति उदासीनता के दृष्टिकोण का दावा करता है। गुट-निरपेक्षता ऐसा कुछ नहीं करती है। इसके विपरीत, यह प्रत्येक समस्या का उसके गुण के आधार पर न्याय करती है तथा अपने स्वतन्त्र मत की घोषणा करती है।
⦁    तटस्थता से आशय एकाकीपन की अवस्था से है, जबकि गुट-निरपेक्षता विकासशील देशों की जनता को अपना भविष्य निर्मित करने में सहायता देती है। न तो वह स्विट्जरलैण्ड या स्वीडन की स्थायी तटस्थता है और न अमेरिका का सकारात्मक एकाकीपन है।
⦁    गुट-निरपेक्षता तटस्थता नहीं है, क्योंकि वह अपने दृष्टिकोणों तथा विचारों में सकारात्मक है। गुट-निरपेक्षता से आशय अन्तर्ग्रस्त होने से मुक्ति नहीं है, बल्कि यह अन्तर्ग्रस्त होने की अपरिहार्यता से उत्पन्न होती है।
⦁    स्विस सरकार के लिए विपरीत गुट-निरपेक्ष राष्ट्र बिना गुट का निर्माण किए हुए विश्व की समस्याओं पर सहयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, कांगो, स्वेज, क्यूबा, खाड़ी युद्ध संकट आदि।
⦁    तटस्थता में जहाँ नकारात्मक प्रवृत्ति दृष्टिगोचर होती है और यह केवल एक वास्तविक युद्ध की अवधि तक ही सीमित है, वहाँ गुट-निरपेक्षता का विचार सक्रिय, सकारात्मक तथा निश्चित है।

तटस्थता का परिवर्तनशील सिद्धान्त गुट-निरपेक्षता के विचार को शीतयुद्ध अथवा परमाणु सन्धि की अवधि में ही अपने अन्तर्गत समाहित किए हुए है। संक्षेप में, गुट-निरपेक्षता एक सकारात्मक तटस्थता ही है।



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