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हाँ जब बजती नहीं, दौड़कर तनिक पूँछ धरता हूँपूँछ धरता हूँ का मतलब है पूँछ पकड़ लेता हूँ।नीचे लिखे वाक्यों को अपने शब्दों में लिखो।(क) मगर बूँद भर तेल साँझ तक भी क्या तुम पाओगे?(ख) बैल हमारा नहीं अभी तक मंतिख पढ़ पाया है।(ग) सिखा बैल को रखा इसने निश्चय कोई ढब है।(घ) जहाँ न कोई बात, वहाँ भी नई बात गढ़ते थे।

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हाँ जब बजती नहीं, दौड़कर तनिक पूँछ धरता हूँ



पूँछ धरता हूँ का मतलब है पूँछ पकड़ लेता हूँ।



नीचे लिखे वाक्यों को अपने शब्दों में लिखो।



(क) मगर बूँद भर तेल साँझ तक भी क्या तुम पाओगे?



(ख) बैल हमारा नहीं अभी तक मंतिख पढ़ पाया है।



(ग) सिखा बैल को रखा इसने निश्चय कोई ढब है।



(घ) जहाँ न कोई बात, वहाँ भी नई बात गढ़ते थे।



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