InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
“हम तो दुहुँ भाँति फल पायो।” गोपियों के इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। |
|
Answer» गोपियाँ उद्धव के हठ पर खीजती हुईं उन्हें योग कथा बन्द कर देने को कह रही हैं। वे कहती हैं-उद्धव आप हमारे कल्याण के लिए व्यर्थ इतना परिश्रम कर रहे हैं। हमने तो दोनों रूपों में सुफल प्राप्त कर लिया है। यदि श्रीकृष्ण मिल जाते हैं तो बहुत ही अच्छी बात है। यदि नहीं भी मिलते तो भी हमने सारे जगत में यश प्राप्त कर लिया है। कहाँ हम गोकुल की गॅवार, छोटी जाति और वर्ण की स्त्रियाँ और कहाँ वे (कृष्ण) लक्ष्मी के पति नारायण । हमें उनके साथ मिल बैठने का अवसर मिल गया। हमारे लिए यही पर्याप्त है। अतः अब आप अपनी योग-कथा को विराम दीजिए। |
|