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जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई।।बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं।। नारि हानि बिसेष छति नाहीं।।भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है?

Answer» जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई।।

बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं।। नारि हानि बिसेष छति नाहीं।।

भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है?


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