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    				| 1. | जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं, तो यह दोलन करने लगता है | इसमें होनेवाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करें | गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है ? अंतत: इसकी ऊर्जा का क्या होता है ? | 
| Answer» जब सरल लोलक का गोलक निर्वात (vacuum) में दोलन करता है तो स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का स्थितिज ऊर्जा में रूपांतरण होता रहता है | परंतु, गोलक की कुल यांत्रिक ऊर्जा, अर्थात उसके स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग हमेशा नियत रहता है (ऊर्जा-संरक्षण का सिद्धांत) | परंतु, जब गोलक वायु में दोलन करता है, तो दोलन के क्रम में वायु से घर्षण के विरुद्ध कार्य करते-करते उसकी ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में रूपांतरित होती जाती है और अंतत: कुछ समय पश्चात गोलक विराम की अवस्था में आ जाता है | | |