InterviewSolution
Saved Bookmarks
| 1. |
जिन आयनिक ठोसों में घातु आधिक्य दोष के कारण ऋणार्यनिक टिक्तिका होती हैं, वे रंगीन होते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरण की सहायता से समझाइए। |
|
Answer» जब NaCl क्रिस्टल की Na की वाष्प की उपस्थिति में गर्म करते है, तो कुछ `CI^(-)` आयन, जालक से बाहर निकल जाते है, और Na की वाष्प से क्रिया करके NaCI बना लेते हैं। इस अभिक्रिया के लिए सोडियम परमाणु इलेक्ट्रॉन त्यागकर `Na^(+)` आयन प्रदान करते हैं। `(NatoNa^(+)+e^(-))` इस प्रकार प्राप्त इलेक्ट्रॉन `CI^(-)` आयनों द्वारा उत्पन रिक्तियों को ग्रहण कर लेते हैं। अब क्रिस्टल में सोडियम आयन की अधिकता हो जाती है । इलेक्ट्रॉनों द्वारा घेरी गई रिक्तियों को F केन्द्र कहते हैं। ये `e^(-)` दश्य प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित करके उत्तेजित हो जाते हैं। ये NaCI को पीला रंग प्रदान करते हैं। (देखिए धातु आधिक्य दोष) । |
|