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जला अस्थियाँ बारी-बारी, चिटकाई जिनमें चिंगारी, |कलम, आज उनकी जय बोल।जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर,लिए बिना गरदन का मोल,जो अगणित लघु दीप हमारे,तूफ़ानों में एक किनारे,जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन,मांगा नहीं स्नेह मुँह खोल,कलम, आज उनकी जय बोल।(क) कवि कलम से किसके बारे में लिखने को कह रहे हैं?(ख) किसने स्नेह नहीं मांगा है?(ग) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।​

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कवि कलम सेउनके बारे में लिखने को बोल रहे हैं जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर।क्रांतिकारियों ने 'कलम , आज उनकी जय बोल'Explanation:..... HOPE it's HELP you DEAR......



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