1.

कौन-कौन से कथन सही हैं? हमें अपने जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है, जब(क) दूसरों के दुख अपने दुखों से बड़े लगने लगते हैं।(ख) हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हँसकर झेलता दिखाई देता है।(ग) अपने कष्टों के लिए विधाता को दोषी मान लेते हैं।(घ) कष्टों को ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते हैं।

Answer»

हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हंसकर झेलता दिखाई देता है  कष्टों को ईस्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते है।



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