1.

कहानी लिखते समय ध्यान में रखने योग्य बातें.

Answer»

रूपरेखा : कहानी लिखने के पहले प्रश्नपत्र में दी गई पूरी रूपरेखा दो-तीन बार सावधानी से पढ़नी चाहिए, क्योंकि रूपरेखा के आधार पर ही कहानी लिखने के लिए कहा जाता है। रूपरेखा को ध्यानपूर्वक पढ़ने से पूरी कहानी भलीभाँति समझ में आ जाएगी। विद्यार्थी को तय कर लेना चाहिए कि वह अपनी ओर से कहाँ कितना रंग भर सकता है, अपनी कल्पना का कितना उपयोग कर सकता है, उसे किस संकेत का कितना विस्तार करना है।

कहानी के प्रत्येक संकेत पर केवल एक-एक वाक्य लिख देने से ही कहानी नहीं बनती। वर्णन, विस्तार और वार्तालाप की त्रिवेणी कहानी में नया रंग भर देती है।

  • वर्णन : कहानी में स्थान, घटना, पात्र या दृश्य का वर्णन करना चाहिए। स्थान, पात्र आदि के नाम देने चाहिए।
  • विस्तार : विद्यार्थियों से लगभग बीस पंक्तियों की कहानी की अपेक्षा की जाती है।
  • वार्तालाप : कहानी में पात्रों के बीच वार्तालाप या संवाद होने चाहिए। संवाद बड़े स्वाभाविक, छोटे और स्पष्ट होने चाहिए।

कहानी भूतकाल में लिखनी चाहिए। पात्रों के संवाद वर्तमान अथवा भविष्यकाल में भी हो सकते हैं।

रूपरेखा में दिये गये किसी संकेत को छोड़ना नहीं चाहिए। रूपरेखा के संकेतों को क्रमशः लेना चाहिए अर्थात् उन्हें उलटपुलट न किया जाए।

परिच्छेदों में विभाजन : पूरी कहानी को एक ही परिच्छेद में लिखना ठीक नहीं है। कहानी में कम से कम तीन परिच्छेद होने चाहिए। संकेत के महत्त्व के अनुसार परिच्छेद का विस्तार होना चाहिए।

भाषा-शैली : कहानी की भाषा सरल, स्वाभाविक और प्रवाही होनी चाहिए। व्याकरण की दृष्टि से भाषा शुद्ध होनी चाहिए। वर्तनी और विरामचिह्नों का उचित प्रयोग करना चाहिए। मुहावरों और कहावतों का उचित प्रयोग कहानी में जान डाल देता है।

प्रारंभ और अंत : कहानी का प्रारंभ और अंत दोनों संक्षिप्त, रोचक और भावपूर्ण होने चाहिए।

शीर्षक : कहानी का शीर्षक कथावस्तु से सम्बन्धित, छोटा-सा, आकर्षक और सूचक होना चाहिए।

शीर्षक देते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखिए :

  • कहानी का मुख्य संदेश, जैसे ‘फुफकारो, लेकिन काटो मत।’
  • कहानी का मुख्य प्रसंग या पात्र, जैसे ‘लालच का फल’, ‘सच्ची माँ’ आदि।
  • कहानी की रूपरेखा के किसी सूचक संकेत को भी शीर्षक के रूप में रखा जा सकता है। जैसे ‘महात्मा का न्याय।’

बोध (सीख) : कहानी पूरी होने के बाद अलग परिच्छेद में कहानी से मिलनेवाला बोध (सीख) लिखना (लिखनी) चाहिए।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions