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किशोरी शिक्षा कैसी थी​

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स्था नारी के जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस अवस्था में वह यौवन की दहलीज पर होती है। बाल्यावस्था तथा यौवन के बीच की अवस्था होने के कारण किशोरावस्था नारी के मानसिक,भावनात्मक तथा मनोवैज्ञानिक विकास की दृष्टि से अत्यंत परिवर्तनशील होती है। यदि मानव संसाधन विकास के उद्देश्य से चलाए जाने वाले विकासात्मक कार्यक्रमों में किशोरियों को शामिल न किया जाए तो सर्वंगीण बाल विकास का दृष्टिकोण उपेक्षित रह जाता है।भारत में पहली बार आई.सी.डी.एस.अवसरंचना का प्रयोग करते हुए किशोरियों के लिए एक विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है। आई. सी. डी. एस. के अंतर्गत बाल्यावस्था विकास के प्रयासों के सात समाजार्थिक एवं बालक-बालिका विषमता की समस्याओं के समाधान के प्रयास भी किए जाते हैं। आई. सी. डी. एस. के अंतर्गत किशोरी स्कीम का मुख्य उदेश्य पीढ़ी–दर–पीढ़ी चलने वाले पौषाणिक एवं बालक-बालिका भेदभाव को समाप्त करना तथा बालिकाओं को उनके विकास हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करना है।वर्तमान कार्यक्रमकिशोरी स्कीम अपने वर्तमान स्वरूप में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है। इस स्कीम के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की अविवाहित तथा स्कूली शिक्षा छोड़ चुकी किशोरियों का चयन किया जाता है तथा स्थानीय आंगनबाड़ी केन्द्रों में 6 माह तक उन्हें शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यकलापों में शामिल किया जाता है। इस स्कीम का उद्देश्य किशोरियों के आत्मविश्वास, उत्साह एवं आत्मगौरव की भावना में वृद्धि करना है। इस स्कीम में दो उप- स्कीमों भी शामिल हैं। ये स्कीमें इस प्रकार हैं- स्कीम – 1 (प्रत्येक बालिका के लिए अलग दृष्टिकोण) तथा स्कीम – 2 (बालिका मंडल) चौसठ सौ रूपये प्रति वर्ष से भी कम आय वाले परिवारों की 11-15 वर्ष के आयु वर्ग की किशोरियों के लिए स्कीम – 1 तैयार की गई है। स्कीम-2 का उद्देश्य सभी आय स्तरों के परिवारों की 11-18 वर्ष के आयु वर्ग की छोटी बालिकाओं को निश्चित रूप से प्राथमिकता दी जाती है। किशोरी स्कीम देश भर के 507 आई. सी. डी. एस. ब्लॉकों में स्वीकृत की गई है।इसके अतिरिक्त, किशोरी स्कीम में कुछ आशोधन तथा इसकी सेवाओं में कुछ सुधार करके इसका, अन्य क्षेत्रों में भी प्रयोग किया गया। सीधा सहायता प्राप्त आई. सी. डी. एस. कार्यक्रम के अंतर्गत तमिलनाडु के 47 ब्लॉकों में अशोधित किशोरी स्कीम का सफलतापूर्वक कार्यान्यवन किया गया है। राजस्थान तथा आन्ध्र प्रदेश में भी किशोरियों के लिए विशिष्ट कार्यक्रम चलाए गए है। विश्व बैंक सहायता – प्राप्त आई. सी. डी. एस. परियोजनाओं में किशोरी स्कीम में डी-वर्मिंग तथा आई. एफ. ए अनूपूरण आदि जैसी अतिरिक्त सेवाएँ भी प्रदान की जा रही है।किशोरी शक्ति योजनाविभिन्न आधारभूत सर्वक्षणों से यह साफ पता चलता है कि किशोरियों की पौषाणिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्थिति संतोषजनक नहीं है। इन सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि किशोरियों को पर्याप्त स्वास्थय एवं पोषण संबंधी सूचनाएं/सेवाएँ नहीं हैं। यह पुष्टि भी हुई है कि किशोरियों को पौषाणिक एवं स्वास्थय स्थिति में सुधार करने तथा उनके विकास और स्वास्थय, स्वच्छता, पोषण परिवार कल्याण एवं प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम महिलाओं एवं बच्चों की स्वास्थय एवं पौषाणिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं तथा महिलाओं की निर्णय निर्माण क्षमता को बढ़ावा दे सकते हैं ।



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