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कन्नड भाषा तथा संस्कृति को कर्नाटक के साहित्यकारों की क्या देन है ?

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कर्नाटक के साहित्यकारों ने सारे संसार में कर्नाटक की कीर्ति फैलायी है। वचनकार बसवण्णा क्रांतिकारी समाज सुधारक थे। अक्कमहादेवी, अल्लमप्रभु, सर्वज्ञ, जैसे अनेक संतों ने अपने अनमोल वचनों द्वारा प्रेम, दया और धर्म की सीख दी है। पुरंदरदास, कनकदास आदि भक्त कवियों ने भक्ति, नीति, सदाचार के गीत गाये हैं। पम्प, रन्न, पौन, कुमारव्यास, हरिहर, राघवांक आदि ने महान् काव्यों की रचना कर कन्नड साहित्य को समृद्ध बनाया है।



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