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क्रियाका लिंग और वचनसामान्यत:कर्ताऔर कर्म के लिंगऔर वचन के अनुसारनिर्धारित होताहै। वाक्य मेंकर्ता और कर्मके लिंग,वचनऔर पुरुष केअनुसार जब क्रियाके लिंग,वचनआदि में परिवर्तनहोता है तो उसेअन्विति कहतेहैं।क्रियाके लिंग,वचनमें परिवर्तनतभी होता है जबकर्ता या कर्मपरसर्ग रहितहों; जैसे−सवारकारतूस माँगरहा था।(कर्ताके कारण)सवारने कारतूसमाँगे।(कर्मके कारण)कर्नलनेवज़ीर अली कोनहीं पहचाना।(यहाँक्रिया कर्ताऔर कर्म के भीकारण प्रभावितनहीं है)अत:कर्ताऔर कर्म के परसर्गसहित होने परक्रिया कर्ताऔर कर्म में सेकिसी के भी लिंगऔर वचन से प्रभावितनहीं होती औरवह एकवचन पुल्लिंगमें ही प्रयुक्तहोती है।नीचेदिए गए वाक्योंमें 'ने'लगाकरउन्हें दुबारालिखिए −(क)घोड़ापानी पी रहा था।(ख)बच्चेदशहरे का मेलादेखने गए।(ग)रॉबिनहुडगरीबों की मददकरता था।(घ)देशभरके लोग उसकीप्रशंसा कर रहेथे।

Answer»

क्रिया
का लिंग और वचन
सामान्यत
:
कर्ता
और कर्म के लिंग
और वचन के अनुसार
निर्धारित होता
है। वाक्य में
कर्ता और कर्म
के लिंग
,
वचन
और पुरुष के
अनुसार जब क्रिया
के लिंग
,
वचन
आदि में परिवर्तन
होता है तो उसे
अन्विति कहते
हैं।


क्रिया
के लिंग
,
वचन
में परिवर्तन
तभी होता है जब
कर्ता या कर्म
परसर्ग रहित
हों
;


जैसे

सवार
कारतूस माँग
रहा था।

(कर्ता
के कारण
)


सवार
ने
कारतूस
माँगे।

(कर्म
के कारण
)


कर्नल
ने
वज़ीर अली
को
नहीं पहचाना।

(यहाँ
क्रिया कर्ता
और कर्म के भी
कारण प्रभावित
नहीं है
)


अत:
कर्ता
और कर्म के परसर्ग
सहित होने पर
क्रिया कर्ता
और कर्म में से
किसी के भी लिंग
और वचन से प्रभावित
नहीं होती और
वह एकवचन पुल्लिंग
में ही प्रयुक्त
होती है।


नीचे
दिए गए वाक्यों
में
'ने'
लगाकर
उन्हें दुबारा
लिखिए



()
घोड़ा
पानी पी रहा था।


()
बच्चे
दशहरे का मेला
देखने गए।


()
रॉबिनहुड
गरीबों की मदद
करता था।


()
देशभर
के लोग उसकी
प्रशंसा कर रहे
थे।



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