InterviewSolution
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कथन-जल की मोलर ऊष्मा बेंजीन की मोलर ऊष्मा से अधिक है . कारण-स्थिर ताप (क्वथनांक) पर ऊष्मा की वह मात्रा जो एक मोल द्रव को वाष्पीकृत करने के लिये आवश्यक होती है, द्रव की मोलर ऊष्मा कहलाती है .A. कथन तथा कारण दोनों सही है तथा कारण कथन का सही स्पष्टीकरण देता है .B. कथन तथा कारण दोनों सही है लेकिन कारण कथन का सही स्पष्टीकरण नहीं देता .C. कथन सही है लेकिन कारण गलत है.D. कथन व कारण दोनों गलत है |
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Answer» Correct Answer - B बेंजीन की मोलर ऊष्मा `80^(@)C` पर 31kJ तथा जल की मोलर ऊष्मा `100^(@)C` पर `40.6Kj` है . जल के अणुओ में हाइड्रोजन बंध के कारण संगुणन होते है, जबकि बेंजीन के अनु असंगुणित है क्योकि इनमे हाइड्रोजन बंद नहीं होता है इस कारण जल की मोलर वाष्पन ऊष्मा, बेंजीन के मोलर वाष्पन ऊष्मा से अधिक है . किसी द्रव के एक मोल को स्थिर तापक्रम पर वाष्पीकृत करने के लिये आवश्यक ऊष्मा द्रव की मोलर ऊष्मा कहलाती है . अतः कथन व कारण सही है, स्पष्टीकरण सही नहीं है . |
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