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क्या आप बता सकते हैं कि प्रतिवेदक (रिपोर्टर) एन्जाइम को वरण योग्य चिन्ह की उपस्थिति में बाहरी DNA को परपोषी कोशिकाओं में स्थानांतरन के लिए मॉनिटर करने के लिए किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता हैं ?

Answer» DNA व्दारा अदाता (ग्राही ) कोशिका में प्रवेश करने का कार्य तभी किया जाता हैं जब अदाता कोशिका अपने चारों ओर स्थित DNA को धारण करने में सक्षम हो जाती हैं । यह कार्य अनेक विधाओं के व्दारा किया जाता हैं । यदि पुनर्योगज DNA को जिसमें प्रतिजैविक , जैसे - एम्पिसीलिन के प्रति प्रतिरोधी जीन स्थित होती हैं . ई . - कोलाई (E - coli) कोशिकाओं में स्थानांतरित किया जाए तो परपोषी कोशिकाएँ प्रतिरोधी कोशिकाओं में रुपांतरित हो जाती हैं । यदि रुपांतरित कोशिकाओं को एगारयुक्त प्लेट पर फैलाया जाता है तो केवल रुपांतरित कोशिकाएँ ही विकसित हो पाती हैं जबकि अरुपांतरित अदाता कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती हैं । प्रतिरोधी जीन के कारण कोई भी एम्पिसिलीन की उपस्थिति में रुपांतरित कोशिका चयन कर सकता हैं । ऐसे प्रक्रम में प्रतिरोधी जीन को वरण योग्य चिंहक कहते हैं ।


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