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क्या औपचारिक क्षेत्रक में ही रोजगार का सृजन आवश्यक है? अनौपचारिक में नहीं? कारण बताइए।

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सार्वजनिक क्षेत्रक की सभी इकाइयाँ एवं 10 या अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले निजी क्षेत्रक की इकाइयाँ औपचारिक क्षेत्रक माने जाते हैं। इन इकाइयों में काम करने वाले को औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी इकाइयाँ और उनमें कार्य कर रहे श्रमिक, अनौपचारिक श्रमिक कहलाते हैं।

औपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था के लाभ मिलते हैं। इनकी आमदनी भी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों से अधिक होती है। इसके विपरीत अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की आय नियमित नहीं होती है तथा उनके काम में भी निश्चितता एवं नियमितता नहीं होती। किन्तु दोनों ही क्षेत्रक रोजगार देते हैं, अत: दोनों को ही विकास आवश्यक है। साथ ही अनौपचारिक क्षेत्र को नियमित एवं नियन्त्रित करना भी आवश्यक है।



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